मेरी प्यारी तितली 🦋
तुम्हारा पिता तुमसे वादा करता है — वह तुम्हें इस क़ाबिल बनाएगा कि तुम इस देश की लोकतंत्र की गद्दी को चुनौती दे सको। तुम्हारी ऊर्जा, ईमानदारी और संवेदना इतनी सशक्त हो कि तुम न केवल इस तंत्र को सम्भाल सको, बल्कि इसे और बेहतर बना सको।
बेटा, जब तुम्हारे ही जैसे दूसरे बच्चे तुमसे सवाल करें — तुम्हारी भूलों का हिसाब माँगे — तो तुम्हारे अंदर साहस हो उन्हें स्वीकारने का। फिर तुम स्वयं को बेहतर बना सकोगी, बिना किसी अहंकार के। सत्ता तुम्हारा साधन हो, अहंकार नहीं।
तुम विपक्ष के साथ भी विकास कर सको — यही लोकतंत्र है। बिटिया, तुम इस भारतवर्ष को फिर से एक सम्पूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाना। तभी आएगा सच्चा अमृतकाल।
पर सिर्फ़ इंतज़ार मत करना — कभी-कभी बग़ावत भी ज़रूरी होती है। यह अमृतकाल तुम्हें हर पल बनाना है। हर क्षण में एक युग है, और तुम्हारा जीवन परिपूर्ण है क्योंकि तुम इस लोक के लिए आवश्यक हो।
उदासी पास भी न फटके, और सुख की सखियाँ हर मोड़ पर साथ निभाएँ।
तुम्हारा,
सुक्कू