मेरी मनोवैज्ञानिक समस्यायें
मेरी दो प्रमुख मनोवैज्ञानिक समस्या है। पहला नशा है। मैं कई तरह के नशे का सेवन करता आया हूँ। तंबाकू से शुरू करते हुए मैं शराब तक पहुँच, जहां से ड्रग्स के रास्ता भी कुछ दूर चल चुका हूँ। संभोग एक शारीरिक समस्या तो बाद में है, वह पहले तो यह एक मानसिक उलझन है। नशे से उत्तपन्न भ्रम और संशय ने मेरी चेतना को अज्ञानता के कुचक्र में रहने को मजबूर कर दिया है। हर प्रकार की शारीरिक कमजोरी से लेकर कैंसर तक का सफ़र मैंने अपनी कल्पनाओं में कई बार तय किया है।