मैं आत्मनिर्भर बन गया!
प्राइवेट हॉस्पिटल की हालत सरकारी दफ़्तर जैसी होने लगी है, क्योंकि सरकारी दफ़्तरों पर तो सरकार ने ताला लगाने की ठान ही ली है। अब बने रहो आत्मनिर्भर। इसलिए पड़ोस से प्राइवेट कंपाउंडर को बुलाया और बेटी की हाथ में लगी पानी चढ़ाने वाली सुई निकलवा दी। मैं भी “आत्मनिर्भर” बन गया। पब्लिक सेक्टर से उदास हो कर प्राइवेट के पास गया। वहाँ से भी जब दुदकारा गया, तो मैं आत्मनिर्भर बन गया।